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5 Mar 2024 · 1 min read

मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ

मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
उन्वान ले के हज़ारों पे लिखती हूँ
नहीं कोई मुझ सा क़लमगार होगा
मैं पतझर की ख़ातिर बहारों पे लिखती हूँ

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