Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2025 · 1 min read

मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,

मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,
मेरा राम, अहिल्या का राम है,
मेरा राम, कैकयी का राम है,
मेरा राम, केवट का राम है,
मेरा राम, शवरी का राम है,
मेरा राम, पत्नी दुख में रोता हुआ राम है…..

Language: Hindi
24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all

You may also like these posts

जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
चुप रहना भी एक कला है,
चुप रहना भी एक कला है,
Buddha Prakash
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय प्रभात*
भोर
भोर
Deepesh purohit
कुछ अल्फाज ❤️
कुछ अल्फाज ❤️
Vivek saswat Shukla
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
नाराज़गी भी हमने अपनो से जतायी
Ayushi Verma
चांद की चंद्रिका
चांद की चंद्रिका
Utkarsh Dubey “Kokil”
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
Sometimes you don't fall in love with the person, you fall f
पूर्वार्थ
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
“अपने में मस्त” (व्यंग )
“अपने में मस्त” (व्यंग )
DrLakshman Jha Parimal
सरस्वती माता का वंदन
सरस्वती माता का वंदन
Manoj Shrivastava
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
Shweta Soni
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
हिंदुत्व अभी तक सोया है, 2
श्रीकृष्ण शुक्ल
परिस्थिति और हम
परिस्थिति और हम
Dr. Rajeev Jain
ठुमके
ठुमके
aestheticwednessday
कहो कैसे हम तुमसे, मोहब्बत करें
कहो कैसे हम तुमसे, मोहब्बत करें
gurudeenverma198
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
पहचान मुख्तलिफ है।
पहचान मुख्तलिफ है।
Taj Mohammad
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
**नियति बनाम स्वेच्छा**
**नियति बनाम स्वेच्छा**
sareeka
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
हमें जीवन के प्रति सजग होना होगा, अपने चेतना को एक स्पष्ट दि
Ravikesh Jha
वक्त एवम् किस्मत पर कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि द
वक्त एवम् किस्मत पर कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि द
ललकार भारद्वाज
मन  के  दीये  जलाओ  रे।
मन के दीये जलाओ रे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
4657.*पूर्णिका*
4657.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...