Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

ग़ज़ल 2

मस्जिद से मयकशों को जो निकाल रहे हैं
महफ़िल में वो ख़ुद ही शराब ढाल रहे हैं

मुंसिफ़ का ओहदा भी वही चाहने लगे
जो ज़ुर्म की ज़िंदा यहाँ मिसाल रहे हैं

जो खेल करते आए सियासत के उम्र भर
मजहब की बागडोर क्यूँ संभाल रहे हैं

सबको पता है एक दिन डंसेगा वो ज़रूर
वो आज आसतीं मे जिसे पाल रहे हैं

वो हमको भुलाकर के जी रहे हैं मज़े में
हम याद में रो-रो के दिन निकाल रहे हैं

सच बोलने को किससे कहा जाए अब ‘चिराग़’
सब झूठ के सहारे पेट पाल रहे हैं

Language: Hindi
140 Views

You may also like these posts

हर मोड़ पे उन का हमारा सामना होने लगा - संदीप ठाकुर
हर मोड़ पे उन का हमारा सामना होने लगा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
Dr fauzia Naseem shad
शिवनाथ में सावन
शिवनाथ में सावन
Santosh kumar Miri
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
Lokesh Sharma
नेम प्रेम का कर ले बंधु
नेम प्रेम का कर ले बंधु
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
हिंदी हमारी मातृभाषा है जबकि हमने हिंदी बोलना माँ से सिखा ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
छोड़कर एक दिन तुम चले जाओगे
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/236. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।
इतना कहते हुए कर डाली हद अदाओं की।
*प्रणय*
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
"परिवर्तनशीलता"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
ग़ज़ल-न जाने किसलिए
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
आईना
आईना
Kanchan Advaita
एक और परीक्षा बाकी है।
एक और परीक्षा बाकी है।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*खीलों से पूजन हुआ, दीपावली विशेष (कुंडलिया)*
*खीलों से पूजन हुआ, दीपावली विशेष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दुनिया के मशहूर उद्यमी
दुनिया के मशहूर उद्यमी
Chitra Bisht
I met myself in a weed-flower field,
I met myself in a weed-flower field,
Manisha Manjari
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
***** सिंदूरी - किरदार ****
***** सिंदूरी - किरदार ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साल के आख़िरी किनारे पर
साल के आख़िरी किनारे पर
SATPAL CHAUHAN
जल की व्यथा
जल की व्यथा
Vivek Pandey
फूल चेहरों की ...
फूल चेहरों की ...
Nazir Nazar
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
It All Starts With A SMILE
It All Starts With A SMILE
Natasha Stephen
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
विवाह के वर्षगाँठ पर
विवाह के वर्षगाँठ पर
Shweta Soni
राम के नाम की ताकत
राम के नाम की ताकत
Meera Thakur
वृक्ष और मानव जीवन
वृक्ष और मानव जीवन
अवध किशोर 'अवधू'
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
Loading...