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20 Feb 2024 · 1 min read

ए ज़िंदगी

ए ज़िंदगी

है हिम्मत तो हरा के दिखा ए ज़िंदगी
उस्ताद तो तू ही थी तू ही रहेगी
परीक्षा गर तूने रची है
तो परिणाम भी तू ही होगी ।

कलम विश्वास की थामी है हमने
डाली है मुस्कुराहट की स्याही
सवाल गर तेरे होंगे
तो जवाब भी तो तू ही होगी ।

एक तराजू की तरह है तू ए ज़िंदगी
एक पलड़े में कर्म है और एक में हम
ज़िंदगी के इस सफऱ में सामना हर रोज़ नए हालातों से होगा
कभी खुशियों की सौगात होगी तो कभी गमों का क़ाफिला होगा ।

कीमत चाहे जो भी हो
वजन अपने ईमान का बनाए रखना
न्याय तो ईश्वर ही करेगा
तू बस कर्म अदा करना ।

– रुपाली भारद्वाज

Language: Hindi
1 Like · 62 Views
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