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19 Dec 2023 · 1 min read

इश्क की वो इक निशानी दे गया

इश्क की वो इक निशानी दे गया
ख्वाब मुझको आसमानी दे गया

वो जला उम्मीद का दिल में चराग
ज़िंदगी को इक रवानी दे गया

खेलकर जज़्बात से वो तो मेरे
प्यार की झूठी कहानी दे गया

बेवफ़ा अपनी दिखाकर शक्सियत
बस मिसालें खानदानी दे गया

तोहमतें मुझ पर लगाकर अनगिनत
वो सज़ा मुझको जुबानी दे गया

होगा औरों की नजर में वो गलत
पर मुझे वो जिंदगानी दे गया

‘अर्चना’ बातों का खंजर खोंपकर
वो नयन में खारा पानी दे गया

डॉ अर्चना गुप्ता
19-12-2023

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