Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2024 · 2 min read

*पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व*

पीयूष जिंदल: एक सामाजिक व्यक्तित्व
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पीयूष जिंदल के निधन के समाचार से मुझे गहरा धक्का लगा। आयु में वह मुझसे एक या दो साल छोटे रहे होंगे। कुछ वर्ष पूर्व उनको हृदय रोग के कारण स्टंट पड़े थे, लेकिन यह आजकल साधारण-सी बात है। 12 फरवरी 2024 सोमवार को वह रोजमर्रा की तरह सुबह उठकर मिस्टन गंज स्थित अपनी दुकान पर गए। दोपहर को घर वापस आए तथा शाम 4:30 बजे के करीब उनको संभवतः गंभीर हार्ट अटैक पड़ा। स्थानीय अस्पताल लेकर गए। भारी प्रयत्न के बाद भी बचाया न जा सका।

दुबला-पतला शरीर उनका हमेशा से रहा। प्रायः शांत और गंभीर रहते थे। मुस्कुराने की कला में भी वह पारंगत थे। सबसे सामंजस्य बनाकर चलने में वह निपुण थे। इसीलिए तो सामाजिक उत्तरदायित्वों का विशाल भार वह लंबे समय से अपने कंधे पर उठाए हुए थे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के वह केवल जिला अध्यक्ष ही नहीं थे, अपितु संगठन को खड़ा करना और उसकी आवाज समय-समय पर बुलंद करते रहना उनके कारण ही संभव हो पा रहा था। व्यापारी बंधुओ को एक उद्देश्य को लेकर व्यापार मंडल के क्रियाकलापों से जोड़ देना उनकी विशेषता रही। वैश्य संगठन भी उन्होंने खड़ा किया और उसे पूरे दमखम के साथ चलाया। चंपा कुंवारि न्यास धर्मशाला के वह पुराने संचालकों में से थे। लंबे समय तक उन्होंने इसके संचालन में दिलचस्पी ली और इसे भव्य ऊंचाइयों तक पहुंचाया । शमशान भूमि स्वर्गधाम के संचालन का काम भी उनके सामाजिक क्रियाकलापों का एक हिस्सा था। शमशान घाट अच्छी प्रकार से चले, इसमें वह व्यक्तिगत रुचि लेते थे। किसी चीज की कमी न हो और संस्था को चलते रहने में कोई बाधा न आए, यह देखना भी एक बड़ा काम होता है जो उन्होंने अंत तक किया।

अन्य सामाजिक कार्यों पर भी उनकी नजर रहती थी और वह चाहते थे कि वह सही प्रकार से चलें। सर्राफा बाजार में जच्चा बच्चा केंद्र के अंदर शौचालय जब लंबे समय तक अनुपयोगी होकर पड़ा रहा तब उन्होंने इस प्रश्न को जोर-जोर से प्रशासन के सामने उठाया और अंततः इस कार्य को पूरा करना प्रशासन की प्राथमिकताओं में गिना जाने लगा।

कूॅंचा परमेश्वरी दास (बाजार सर्राफा, निकट मिस्टन गंज) में उनका पुश्तैनी निवास था। मौहल्ले और उसके इर्द-गिर्द उनके स्नेह से भरे स्वभाव के सभी प्रशंसक थे। व्यक्तिगत रूप से उनके मधुर संबंधों का दायरा बहुत विशाल था। उन्हें सबसे प्रेम था और सब उनसे प्रेम करते थे। उनके न रहने से सार्वजनिक जीवन में एक बड़ी भारी रिक्तता आ गई है। लंबे समय तक उनका अभाव रामपुर शहर में खलता रहेगा।
➖➖➖➖➖➖➖➖
रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997675451

Language: Hindi
138 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

तुम हो कौन ? समझ इसे
तुम हो कौन ? समझ इसे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
Rj Anand Prajapati
मैंने पहचान लिया तुमको
मैंने पहचान लिया तुमको
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
कठिन पथ पर
कठिन पथ पर
surenderpal vaidya
रिश्ते निभाना जानता हूँ
रिश्ते निभाना जानता हूँ
Sudhir srivastava
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
नासूर
नासूर
Neerja Sharma
तुम्हारी चाहतें
तुम्हारी चाहतें
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2550.पूर्णिका
2550.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दीवाली
दीवाली
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अभिमान करो
अभिमान करो
Pushpa Tiwari
ना मसले अदा के होते हैं
ना मसले अदा के होते हैं
Phool gufran
"स्वामी विवेकानंद"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय*
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
रास्तों में फिर वही,
रास्तों में फिर वही,
Vishal Prajapati
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
शेखर सिंह
अधर घटों पर जब करें,
अधर घटों पर जब करें,
sushil sarna
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
Jyoti Roshni
बाबा साहब हुए महान
बाबा साहब हुए महान
डिजेन्द्र कुर्रे
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
Vijay kumar Pandey
Loading...