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17 Feb 2024 · 1 min read

वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।

वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
पलकें बिछाए बैठा हो जैसे इंतज़ार में।
दिल तोड़ना ही था तो सोदा ही क्यों किया।
फिर बेचने चला है उसको बाज़ार में ।
सदियों तलक जीएगी मौहब्बत ये अब मेरी ।
क्यों सोच रहा है बैठकर तू अब बेकार में।
यादों को दफन करके मेरे सामने यूंही।
अब रो रहा है बैठकर मेरे मज़ार मैं।
Phool gufran

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