Be happy with the little that you have, there are people wit
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
दोहे -लालची
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फासलों से वो टूट जाएंगे ,
" यह सावन की रीत "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कसौटी से गुजारा जा रहा है
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
■ शिक्षक दिवस पर एक विशेष कविता…।
जीवन तो सुख- दुख का संसार है
23/105.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*