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12 Feb 2024 · 1 min read

ओ! महानगर

महानगर की ,
ऊंघती हुई बालकनी
कानों मे लगे इयरफोन
दूर उड़ती तितलियां
उमड़ते हुए बादल
जगमगाता सूरज
सडक पर दौड़ते
चौपहिया
दुपहिया वाहन
कितने तरह का,
सड़क पर शोर।
हाइवे की चौडाई
स्तबध करने वाली
मीठे रिश्तों की
कोई क्यारी नहीं
पगडंडी नहीं।
आदमियों का नहीं,
कोई आपसी संवाद ।
डब्बेनुमा
सजे- धजे हुए फ्लैटों में।
खा जाने वाला जहरीला एकांत।

डा. पूनम पांडे

Language: Hindi
2 Likes · 138 Views
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