स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
उत्तेजना🤨 और क्रोध😡 में कहा गया शब्द और किया गया कर्म स्थिति
अब कष्ट हरो
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्रेम सिर्फ आश्वासन नहीं देता बल्कि उन्हें पूर्णता भी देता ह