Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे

जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे उनकी पोशाक मर्यादित हुआ करती थी लेकिन जब आज कैमरे यूएचडी हो गए तो लोगो के हृदय और कपड़े दोनों के चिथड़े चिथड़े हो गए शर्म और लज्जा ने अपनी लक्ष्मण रेखा लांघ दी।
RJ Anand Prajapati

152 Views

You may also like these posts

वक्त ही सबसे बड़ा गुरु
वक्त ही सबसे बड़ा गुरु
ओनिका सेतिया 'अनु '
..
..
*प्रणय*
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
झूठ चाहें सजा के बोले कोई
झूठ चाहें सजा के बोले कोई
Dr fauzia Naseem shad
मृत्यु एक शाश्वत सत्य है
मृत्यु एक शाश्वत सत्य है
Mamta Rani
!! स्वर्णिम भारत !!
!! स्वर्णिम भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
डी. के. निवातिया
एक दिन वो मेरा हो जाएगा
एक दिन वो मेरा हो जाएगा
एकांत
मेरी धड़कनों में
मेरी धड़कनों में
हिमांशु Kulshrestha
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
manjula chauhan
इश्क़ मत करना ...
इश्क़ मत करना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
अनहोनी समोनी
अनहोनी समोनी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
sp 61 जीव हर संसार में
sp 61 जीव हर संसार में
Manoj Shrivastava
There are instances that people will instantly turn their ba
There are instances that people will instantly turn their ba
पूर्वार्थ
" शबाब "
Dr. Kishan tandon kranti
राज्याभिषेक
राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
वख्त का तक़ाज़ा है - ज़ख़्म अभी ताज़ा है
वख्त का तक़ाज़ा है - ज़ख़्म अभी ताज़ा है
Atul "Krishn"
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
....नया मोड़
....नया मोड़
Naushaba Suriya
सभी देखेंगे तेरी इक हॅंसी को।
सभी देखेंगे तेरी इक हॅंसी को।
सत्य कुमार प्रेमी
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
3487.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3487.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
गीत- बहुत भोली बड़ी कमसिन...
गीत- बहुत भोली बड़ी कमसिन...
आर.एस. 'प्रीतम'
फिर जल गया दीया कोई
फिर जल गया दीया कोई
सोनू हंस
क्या सिला
क्या सिला
RAMESH Kumar
Loading...