Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

विडम्बना

युगो -युगो से पूछ रही
अपनी आंख पसार,
किसे करे समर्पित
अपना निश्छल प्यार।
कोमलता की कली
किए नव श्रृंगार,
नव दीपित यौवन
लेकर मृदुल उपहार।
अल्हड़ता से वह
झूमा करती,
उन्मुक्त परी-सी
घूमा करती।
चुपके से आकर
मानस पर कोई छाया,
उसने भी सपनों का
नव संसार सजाया।
पूजक बनी प्रिय की
मन-मंदिर में बिठाया,
समर्पित किया स्वयं को
नेह का दीप जलाया।
देवता बन गया निर्दयी
पैरों तले ठुकराया,
युगों से यही इतिहास
बार-बार दोहराया।

—प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव,
अलवर(राजस्थान)

Language: Hindi
1 Like · 338 Views
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
एक सच ......
एक सच ......
sushil sarna
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
परिवार का एक मेंबर कांग्रेस में रहता है
शेखर सिंह
चौपाई छंद - माता पिता और हम
चौपाई छंद - माता पिता और हम
Sudhir srivastava
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
बाबू जी की याद बहुत ही आती है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सुंदर नाता
सुंदर नाता
Dr.Priya Soni Khare
शबनम
शबनम
Kumud Srivastava
पेड़ पर अमरबेल
पेड़ पर अमरबेल
Anil Kumar Mishra
4082.💐 *पूर्णिका* 💐
4082.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
घनाक्षरी
घनाक्षरी
अवध किशोर 'अवधू'
बसंत
बसंत
manjula chauhan
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
Ravikesh Jha
चांद
चांद
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मित्र धर्म
मित्र धर्म
ललकार भारद्वाज
- एक हमसफर चाहिए -
- एक हमसफर चाहिए -
bharat gehlot
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
DrLakshman Jha Parimal
काम
काम
Shriyansh Gupta
***वारिस हुई***
***वारिस हुई***
Dinesh Kumar Gangwar
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय*
कहीं बरसे मूसलाधार ,
कहीं बरसे मूसलाधार ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
कल्पनाओं के बीज
कल्पनाओं के बीज
Sakhi
गीत गाता है बचपन,
गीत गाता है बचपन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भोला-भाला गुड्डा
भोला-भाला गुड्डा
Kanchan Khanna
बरसात
बरसात
D.N. Jha
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
Loading...