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8 Mar 2025 · 1 min read

रदुतिया

तईया जमाना म लाईका रहेन,
बने रदुतिया मनावत रहेन।

झोर झोर के पानी गिरय
गली खोर म नरवा बहय।

सरबट सरबट दौड लगान,
माड़ी के आत ल चिखला सनान।

कुद कुद के रदुतिया देखन,
भगवान म पैसा फेंकय तेला बिनन।

ये पारा ल खींचत ओ पारा ले जान,
रथ म रदुतिया भगवान बिठान

लाई मोहन भोग के परसाद बनय
ओंजरा ओंजरा पुजारी बांटय,

नवा नवा ओन्हा कुर्ता पहिनय,
रदुतिया के दिन जबर मेला भराय ।

एक घ महु ह मामा घर गे रहेंव,
नान अक म उपदरव रहेव।

रदुतिया भराय रिहिस तिंहा ,
10,10 के नोट पाय रहेंव तिंहा।

सब झन कहिन झन देबे तोर मामी ल,
उने न गुने दुसर मेर लुकाय रहेंव तिंहा।

जान डारिस मोर मामी ह,
बिलाई कस गुरर्राय तिंहा ।

तेकर पाके ओ दिन ल सुधर गेंव,
आज तक कुछू ल नई लुकायेव

रदुतिया अब्बड़ सुहाय
बारात जाथन कस लागय।

खेतिखार म नागर चलत रहय,
सुली आके धान ह जागत रहय।
तईया जमाना ह अब्बड़ नीक लागत रहय।

ननकी
दिनांक 20/06/2023

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