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17 Nov 2024 · 1 min read

चौपाई छंद गीत

चौपाई छंद गीत
16/16 मात्रा
सृजन पंक्ति- माना तुमको जबसे अपना

माना तुमको जबसे अपना ।
लगता है अब जग इक सपना ।।

सबसे अब तो नाता टूटा ।
बंधन माया का है छूटा ।।
काम मुझे बस माला जपना ।
माना तुमको जबसे अपना।।

हरदम रहते थे दुख घेरे ।
आज हुए हैं सुख के फेरे ।।
कष्टों से प्रभु रक्षा करना।
माना तुमको जब से अपना ।।

सच्चा साथी नाम तुम्हारा ।
तुम हो मेरा नाथ सहारा ।।
खुशियों का हो पावन झरना ।
माना तुमको जब से अपना ।।

साथ सदा ही देना भगवन ।
भक्ति भाव मे भीगे तनमन ।।
अवगुण की मत करना गणना ।
माना तुमको जबसे अपना ।।

मुझको बस एक तेरी आशा ।
दूर है सारी हृदय निराशा ।।
सीखूँ सीधी राहें चलना ।
माना तुमको जबसे अपना।।

जब से तुमको उर में पाया ।
जीवन में है सत की छाया ।।
अपने हाथों हमको गढ़ना।
माना तुमको जब से अपना ।।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

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