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4 Feb 2024 · 1 min read

प्रेरणा

घोर अँधेरा मत रुकना मन,
पथ पर दीप बनेंगे तारे,
माँझी थामें पतवारों को,
आते चल फिर आप किनारे,
उतरें सागर में जो मोती,
माणिक लेकर आते बाहर-
खड़ा वही हो सकता गिरकर,
जो गलती को जान सुधारे।

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)

Language: Hindi
120 Views
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