Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

*जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)*

जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है (गीत)
________________________
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है
1)
रामलला का शुभागमन यह, सब को हर्षाएगा
जीवन सब का सद्भावों से, प्रतिदिन महकाएगा
इनका पोषित रामराज्य ही, भारत का आधार है
2)
प्रभु का धाम अयोध्या तीनों, लोकों से न्यारा है
दशरथ के ऑंगन में प्रभु का, दर्शन अति प्यारा है
त्रेता में प्रभु रामचंद्र ने, लिया यहीं अवतार है
3)
भारत की पहचान राम हैं, देश रामधुन गाता
रामचरितमानस तुलसी का, राष्ट्र-ग्रंथ कहलाता
भारत की आजादी दिखती, हृदयों में साकार है
जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठित, प्रभु की जय-जयकार है
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

213 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
और कितनें पन्ने गम के लिख रखे है साँवरे
Sonu sugandh
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
कल है हमारा
कल है हमारा
singh kunwar sarvendra vikram
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
चीत्कार रही मानवता,मानव हत्याएं हैं जारी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
Kumar Kalhans
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
आर.एस. 'प्रीतम'
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
झील का पानी
झील का पानी
Kanchan Advaita
मैं और मेरे प्रभु
मैं और मेरे प्रभु
ललकार भारद्वाज
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
हो रहा है चर्चा हमारा चारों तरफ़,
हो रहा है चर्चा हमारा चारों तरफ़,
Jyoti Roshni
प्रेम.....
प्रेम.....
शेखर सिंह
कितना अजीब ये किशोरावस्था
कितना अजीब ये किशोरावस्था
Pramila sultan
पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमे
पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमे
*प्रणय*
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
आयी बरखा हो गए,
आयी बरखा हो गए,
sushil sarna
शिर्डी साईं
शिर्डी साईं
C S Santoshi
जियो तुम #जिंदगी अपनी
जियो तुम #जिंदगी अपनी
MEENU SHARMA
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3362.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
No Second Option
No Second Option
पूर्वार्थ
*रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
*रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*
Ravi Prakash
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
यूं तो मेरे जीवन में हंसी रंग बहुत हैं
हरवंश हृदय
Loading...