Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2024 · 1 min read

*रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)*

रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)
_________________________
रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है
1)
त्रेता में इसने सद्गुण की, धर्म ध्वजा फहराई
रहते थे सब लोग पाटकर, ऊॅंच-नीच की खाई
भरे हुए सब अपनेपन से, प्रीति परस्पर करते
कष्ट दिखा जो कहीं किसी का, मिलकर सारे हरते
मंगल करता नाम सदा से, जग में सीताराम है
2)
यह है रामराज्य जिसकी शुभ, नींव भरत ने डाली
चरण-पादुका पूजी कुर्सी, राजा की थी खाली
जहॉं लोभ का अंश न दिखता, रामराज्य कहलाता
रामराज्य वह शासन जिसका, नहीं स्वार्थ से नाता
रामराज्य का अर्थ जहॉं मन, राजा का निष्काम है
3)
रामराज्य का अर्थ जहॉं निज, बोध सनातन पाते
अपनी संस्कृति अपनी भाषा, जहॉं सदा मुस्काते
जहॉं आत्म-अभिमान उपस्थित, रामराज्य रहता है
जहॉं वीरता-भाव हृदय में, उज्ज्वल यश बहता है
जहॉं बसे हनुमान लक्षमण, सौ-सौ बार प्रणाम है
रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है
————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451

277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
Acharya Shilak Ram
"हम किसी से कम नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हार मैं मानू नहीं
हार मैं मानू नहीं
Anamika Tiwari 'annpurna '
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
उड़ी रे उड़ी, देखो तुम यह पतंग
उड़ी रे उड़ी, देखो तुम यह पतंग
gurudeenverma198
बुंदेली दोहा- तिगैला
बुंदेली दोहा- तिगैला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
Chitra Bisht
मां वह अहसास
मां वह अहसास
Seema gupta,Alwar
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
Dr Archana Gupta
वो रात हसीं होगी……
वो रात हसीं होगी……
sushil sarna
अप्रीतम
अप्रीतम
Dr.sima
बड़े साहब : लघुकथा
बड़े साहब : लघुकथा
Dr. Mulla Adam Ali
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
पैसे के बिना आज खुश कोई कहाॅं रहता है,
Ajit Kumar "Karn"
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
*उठाओ प्लेट खुद खाओ , खिलाने कौन आएगा (हास्य मुक्तक)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
Rituraj shivem verma
..
..
*प्रणय प्रभात*
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
ना जाने क्या हो गया है मुझे जाने कहाँ खो गया हूँ मैं, और ना
पूर्वार्थ देव
अगर हो तुम
अगर हो तुम
शिवम राव मणि
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
कवि रमेशराज
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
हिना (मेहंदी)( फाल्गुन गीत)
Dr. P.C. Bisen
*कहर  है हीरा*
*कहर है हीरा*
Kshma Urmila
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुर्मिल सवैया
दुर्मिल सवैया
Rambali Mishra
धरती माता
धरती माता
अवध किशोर 'अवधू'
मुहब्बत का वास्ता
मुहब्बत का वास्ता
Shekhar Chandra Mitra
Loading...