Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2024 · 1 min read

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

डॉ अरुण कुमार शास्त्री
Todays thought
➖➖➖➖➖➖➖✔
अभिलाषाएं भी कम नहीं होंगी,
समस्याएं भी कम नहीं होंगी, फिर भी हम जीते हैं ….
इस आशा में मुश्किलें जो आज हैं कल नहीं होंगी..
हमेशा मस्त रहें, खुश रहे सब अच्छा होगा।
➖➖➖➖➖➖➖✔

409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all

You may also like these posts

दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🙅यक़ीन मानिए🙅
🙅यक़ीन मानिए🙅
*प्रणय प्रभात*
4331.*पूर्णिका*
4331.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सत्य से विलग न ईश्वर है
सत्य से विलग न ईश्वर है
Udaya Narayan Singh
समाज का आइना
समाज का आइना
पूर्वार्थ
अभी तक
अभी तक
Jitendra kumar
" सरहद "
Dr. Kishan tandon kranti
पंडिताइन (लघुकथा)
पंडिताइन (लघुकथा)
Indu Singh
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
बीज निरर्थक रोप मत ! , कविता में संस्कार।
RAMESH SHARMA
हवस का सूरज।
हवस का सूरज।
Kumar Kalhans
मेरी कलम
मेरी कलम
manorath maharaj
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Usha Gupta
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
गणतंत्र दिवस  के पावन पर्व पर मंच को समर्पित   ...
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर मंच को समर्पित ...
sushil sarna
बापू गाँधी
बापू गाँधी
Kavita Chouhan
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
ज़िन्दगी को समझते
ज़िन्दगी को समझते
Dr fauzia Naseem shad
अगर ये न होते
अगर ये न होते
Suryakant Dwivedi
उड़ान जिंदगी की
उड़ान जिंदगी की
Sunil Maheshwari
Contradiction
Contradiction
Shashi Mahajan
"आज का दुर्योधन "
DrLakshman Jha Parimal
ദുരന്തം.
ദുരന്തം.
Heera S
*बादल (बाल कविता)*
*बादल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
Loading...