Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2024 · 4 min read

चन्द्रलोक की यात्रा: सपने का यथार्थ

चाँद की महिमा और गरिमा जानने की उत्सुकता में कल चाँदनी रात में अकेले ही चंद्रलोक की यात्रा पर निकल पड़ा। अब ये मत पूछना कि मैं आखिर जा कैसे रहा था। वैसे भी यह राज़ की बात है जिसे आपको बता ही देता हूँ इस शर्त के साथ कि आप इसको राज़ ही रखेंगे, वैसे नहीं भी रखेंगे तो भी मुझे कोई फ़र्क तो नहीं पड़ेगा,उल्टे भविष्य में आपकी आसान होने वाली चंद्रलोक यात्रा पर ग्रहण ज़रूर लग सकता है, क्योंकि मैं तो कोई सहूलियत देने से रहा। वैसे भी हिन्दू नारियाँ का पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ और पुत्र की दीर्घायु के लिए गणेश चौथ का व्रत कर चन्द्रदेव को अपने पक्ष में करने का अभियान चलाती ही हैं, तो मुस्लिम समुदाय का ईद का चाँद के दर्शन से आप अनभिज्ञ तो नहीं हैं। महिलाएँ अपनी खूबसूरती का चाँद से कंप्टीशन करने को आतुर रहती हैं है। बच्चे तो चाँद को खिलौना समझकर अपनी माँ से अधिकारपूर्वक चाँद की माँग अक्सर करते ही रहते हैं, और माएँ भी बच्चों को चंदा मामा के नाम पर जी भरकर गुमराह कर तसल्ली देना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती हैं, पर बच्चे भी कम नहीं है, वे भी अपनी ज़िद का प्रदर्शन करते ही रहते हैं। शायद इसीलिए खीझ कर सूरदास जी ने पद लिखा होगा- “मैया, मैं तो चंद खिलौना लैहों।”और बहाना भगवान श्रीकृष्ण को बना दिया कि जैसे भगवान कृष्ण ही बालपन में जिद्दी बच्चों के गुरु थे, और अभी तक वह क्रम चलता आ रहा है। आज के आधुनिक वैज्ञानिक युग में धार्मिक मान्यताओं को साकार करने की ज़िद में मनुष्य चाँद, सूरज व अन्य ग्रहों तक पहुँचने की कल्पना साकार करने के जुगत भिड़ाने में लगा है और काफ़ी हद तक सफल भी हो रहा है। मनुष्य बीते ज़माने में चाँद, सूरज तो क्या अन्य ग्रहों तक पहुँचने की कल्पना तक नहीं करता रहा होगा। इसी दिशा में जिद्दी मनुष्यों ने चाँद का भी सूकून छीनने के लिए या यूँ कहें कि उस पर अपना प्रभाव जमाने के लिए 23 अगस्त 2023 को चन्द्रयान -3 को सफलतापूर्वक भेजकर प्रक्षेपण भी करा दिया। यह घमंड करने का अधिकार मिला भी हम भारतीयों को मिला ।भारत अब रूस, अमेरिका और अन्य तकनीकी पुरोधा देशों को पीछे ढकेलते हुए पहले नंबर पर आ गया।संभवतः चंदा मामा ने भी भारतीय जुगाड़ और ज़िद्दीपन के आगे घुटने टेक दिए। आप सबको इतना तो पता ही होगा, नहीं पता तो मैं ही बता देता हूँ कि अंततः वह वह पल भी आ गया,जिसका हम सबको भी इंतजार था, वैसे हमें आपसे ज्यादा था। जब शाम छः बजकर चार मिनट पर चन्द्रयान- 3, चाँद पर लैंड कर गया, तब मुझे सबसे ज्यादा सूकून का अहसास हुआ, सूकून भी इतना जितना चंद्रयान को प्रक्षेपित करने हेतु अपने परिश्रम से हमारे देश के वैज्ञानिकों को भी नहीं हुआ होगा, क्योंकि इस चंद्रयान के सहारे मेरा भी तो चन्द्रलोक की यात्रा के सपने का एक मिशन जो पूरा हो गया।देश क्या पूरा विश्व और एक- एक भारतवासी गौरवान्वित हो गया। यह और बात है कि जब विक्रम लैंडर ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया और हमारे प्रधानमंत्री जी ने बिना मेरी सलाह के ही उस स्थान का नाम करण शिवशक्ति प्वाइंट रख दिया। पर मैंने इसको ज़रा भी बुरा नहीं माना। क्योंकि आखिर उन्हें भी तो कुछ करना चाहिए। बेवज़ह हर समय टहलते ही रहते हैं,देश से ज्यादा विदेश में रहते हैं। खैर लौटकर उन्हें समझाऊँगा, फिलहाल तो लैंडर से चिपके- चिपके मैं भी एकदम अकड़ गया था और जैसे ही लैंडर बाहर निकला मैं चुपचाप उसे छोड़कर ओझल हो गया और अब तक चंद्रलोक में मस्ती कर रहा हूँ। लेकिन अब ये तो अच्छी बात नहीं है कि जब तक आपको पता नहीं था, तब तक तो कोई बात नहीं थी, अब जब मैंने आपको ईमानदारी से बता दिया तो आप सभी विपक्षी नेताओं की तरह अंगूर खट्टे हैं का उदाहरण पेश करने लगे।अब मैं कब लौटूँगा इसकी चिंता में आप दुबले मत होइए, अभी मेरा लौटने का इरादा फिलहाल है भी नहीं, वैसे भी चंदा मामा मुझे वापस आने भी नहीं दे रहे हैं। फिर भी आप सब मेरे अज़ीज़ है, इसलिए कभी-कभी तो सोचता हूँ कि जल्दी ही लौट आऊँ , फिर सोचता हूँ मामा के साथ ही लौटूँ ताकि आप भी उनसे मिल लें, दुआ- सलाम कर लो, अपनी शिकवा- शिकायत दूर कर लें और मेरी मैया भी अपने लाड़ले भाई को जी भरकर लाड़- प्यार दुलार कर सके और अपने सबसे नालायक बेटे पर गर्व कर सके। वैसे अब मेरी चंद्रलोक यात्रा का सपना सपनों में ही सही यथार्थ में पूरा हो गया, तो कम- से- कम आप लोग इतना तो कर ही सकते हैं कि भारत रत्न का सम्मान मुझे दिलाने के लिए एक अदद संगठन बना कर धरना प्रदर्शन अनशन शुरू कर दीजिए। कुछ भी समझिए या मुझ पर ये अहसान ही कीजिए और मेरी इस यात्रा को राष्ट्रीय यात्रा का मान-सम्मान के साथ कुछ भी करके भारत रत्न तो दिलाकर मेरा नाम इतिहास में दर्ज करा ही दीजिए। धन्यवाद नमस्कार अग्रिम स्वीकार कर लीजिए। सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

माँ दुर्गा अष्टमी
माँ दुर्गा अष्टमी
C S Santoshi
*खिली एक नन्हीं कली*
*खिली एक नन्हीं कली*
ABHA PANDEY
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
आया बसंत
आया बसंत
श्रीकृष्ण शुक्ल
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
दिल को तेरे नाम कर लूं
दिल को तेरे नाम कर लूं
Jyoti Roshni
वे रिश्ते आजाद
वे रिश्ते आजाद
RAMESH SHARMA
Prayer to Absolute
Prayer to Absolute
Sanjay Narayan
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
*प्रणय प्रभात*
इतना आसान होता
इतना आसान होता
हिमांशु Kulshrestha
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
Keshav kishor Kumar
वैष्णवी
वैष्णवी
Shashi Mahajan
होली(दुमदार दोहे)
होली(दुमदार दोहे)
Dr Archana Gupta
हमें कोटला सुल्तान सिंह चलना चाहिए
हमें कोटला सुल्तान सिंह चलना चाहिए
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बस देखने का नजरिया है,
बस देखने का नजरिया है,
Aarti sirsat
" नैतिकता "
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
इतनी भी तकलीफ ना दो हमें ....
Umender kumar
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
दोस्ती आम है लेकिन ऐ दोस्त
पूर्वार्थ
जाल मोहमाया का
जाल मोहमाया का
Rekha khichi
प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
Saraswati Bajpai
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
Bidyadhar Mantry
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
आखिर कैसे
आखिर कैसे
NAVNEET SINGH
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
आज सारे शब्द मेरे खामोश मन में विचार ही नहीं उमड़ते।
Annu Gurjar
Loading...