Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2023 · 1 min read

*हटता है परिदृश्य से, अकस्मात इंसान (कुंडलिया)*

हटता है परिदृश्य से, अकस्मात इंसान (कुंडलिया)
________________________
हटता है परिदृश्य से, अकस्मात इंसान
कठपुतली-सा नाचता, नचा रहा भगवान
नचा रहा भगवान, मनुज का भाग्य-विधाता
लिखता बही-रहस्य, कर्म का नूतन खाता
कहते रवि कविराय, टिकट झटपट है कटता
बीते जब दिन चार, सभी का आसन हटता
———————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999761545 1

1 Like · 262 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

तलाश सूरज की
तलाश सूरज की
आशा शैली
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
छवि  हिर्दय में सोई ....
छवि हिर्दय में सोई ....
sushil sarna
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
नज़्म _मिट्टी और मार्बल का फर्क ।
Neelofar Khan
"रिश्वत का खून लग जाने के बाद,
पूर्वार्थ
*कलियुग*
*कलियुग*
Pallavi Mishra
माँ मेरी
माँ मेरी
Dr fauzia Naseem shad
3765.💐 *पूर्णिका* 💐
3765.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
युद्ध का आखरी दिन
युद्ध का आखरी दिन
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
गम ऐ जोन्दगी
गम ऐ जोन्दगी
Ram Babu Mandal
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
श्री राधा !
श्री राधा !
Mahesh Jain 'Jyoti'
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
सुख-दुख का साथी
सुख-दुख का साथी
Sudhir srivastava
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
शु
शु
*प्रणय*
मुक्तक काव्य
मुक्तक काव्य
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
शुद्ध जल और शुद्ध वायु के लिए
शुद्ध जल और शुद्ध वायु के लिए
Sonam Puneet Dubey
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
जो भी आते हैं वो बस तोड़ के चल देते हैं
अंसार एटवी
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
बुंदेली दोहे- कीचर (कीचड़)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...