बड़ी हिफाजत से मुझे सौंपा जाएगा,
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है