समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
अभ्यर्थी हूँ
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कोयले में मैंने हीरा पहचान लिया,
हो कहीं न कहीं ग़लत रहा है,
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
रंग बिरंगे फूलों से ज़िंदगी सजाई गई है,
रामराज्य आदर्श हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम है (गीत)
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
#मणियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मैं नशे में हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य