Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2023 · 1 min read

शीर्षक:सिर्फ़ निकलने के लिए

सिर्फ़ निकलने के लिए…..!

वो झूठी कसमें, वादे, साथ का फरेब
वो तोहफे,वो बाहर घूमने के जाल
कितना कुछ खेल करते हैं लोग,
सिर्फ अपना वक्त गुजारने
के लिए…..!
हमेशा साथ का वादा करना
वो साथ मिलकर मौजमस्ती
दोहरे चेहरे लिए लोगो का जीवन में
आना सिर्फ अपना वक्त गुजारने
के लिए…..!
वो तोहफ़ों में अपनी शान दिखाना
होटलो का खाना खिलवाना
साथ फ़िल्म देखना और मस्ती करना
अस्मत से खेलकर सिर्फ निकलने
के लिए…..!
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 93 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
प्रेम की कहानी
प्रेम की कहानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
Ritesh Deo
युवा संवाद
युवा संवाद
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
विषय -'अनजान रिश्ते'
विषय -'अनजान रिश्ते'
Harminder Kaur
मु
मु
*प्रणय*
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
चलेंगे साथ जब मिलके, नयी दुनियाँ बसा लेंगे !
DrLakshman Jha Parimal
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तेरी यादों की
तेरी यादों की
हिमांशु Kulshrestha
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
दूब और दरख़्त
दूब और दरख़्त
Vivek Pandey
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मनोभाव
मनोभाव
goutam shaw
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
gurudeenverma198
" क्यों "
Dr. Kishan tandon kranti
कभी राधा कभी मीरा ,कभी ललिता दिवानी है।
कभी राधा कभी मीरा ,कभी ललिता दिवानी है।
D.N. Jha
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
बेरोजगार युवाओं का दर्द।
Abhishek Soni
चार यार
चार यार
Sakhi
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
बचपन रोता-मुसकाता है
बचपन रोता-मुसकाता है
कुमार अविनाश 'केसर'
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Ravi Prakash
‘बेटियाँ’
‘बेटियाँ’
Vivek Mishra
कहो जय भीम
कहो जय भीम
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
एक साक्षात्कार - चाँद के साथ
Atul "Krishn"
Loading...