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8 Nov 2023 · 1 min read

जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं

जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
ये वक्त बदलता देखा है तकदीर बदलती देखी है
आज के राझों सोच समझ के भागो हीर को लेके
कोर्ट कटघरों में खड़ी हुई मैंने हीर बदलती देखी है

कवि आजाद मंडौरी

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