Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Feb 2024 · 1 min read

* किसे बताएं *

** गीतिका **
~~
किसे बताएं मन की बातें, कौन सुनेगा यार।
इस जीवन ने हर पल देखो, बहुत सहे हैं खार।

सहन करेंगे स्वयं सभी कुछ, आगे भी चुपचाप।
चलते चलते इक दिन नैया, लग जाएगी पार।

खिली खिली अच्छी लगती है, मुखड़े पर मुस्कान।
इसके पीछे पनप रहा हो, निश्छल कोमल प्यार।

बिना प्रयासों के होते सब, कार्य नहीं आसान।
संघर्षों में ही शामिल है, इस जीवन का सार।

मेघों से आच्छादित पूरा, फैला है आकाश।
लेकिन कभी कभी बन पाते, वर्षा के आसार।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य।
मण्डी (हिमाचल प्रदेश)

Loading...