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6 Nov 2023 · 1 min read

असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।

किसी ने क्या खूब कहा असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
“कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवाना ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे का यार भी हूं।।”
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)
संकलन: राकेश देवडे़ बिरसावादी (सामाजिक कार्यकर्ता )

Language: Hindi
443 Views
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