Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2023 · 1 min read

बाल कविता : बादल

बाल कविता : बादल
****************

गरज रहे हैं काले बादल,
चल रही है तेज पवन।
बरस रहा है ठंडा पानी,
भीग रहे हैं पेड़ उपवन।।
गरज रहे हैं काले बादल, चल रही है तेज पवन-१

छत पर बैठी दादी देखें,
बादल ऊपर चढ़े चढ़े,
धूम-धडाम आवाजें आती
फूट रहे हैं घड़े बड़े।
जोर-जोर से बिजली चमके,
चमके सारा नील गगन।।
गरज रहे हैं काले बादल, चल रही है तेज पवन-२

रिंकू- मिंकू -पिंकू बोले,
बादल कितने प्यारे हैं?
उड़ रहे हैं ऊपर कैसे?
क्या गैस के गुब्बारे हैं?
कितने-लंबे कितने-चौड़े
कितना इनका है वजन?
गरज रहे हैं काले बादल, चल रही है तेज पवन-३

काका चले बाहर घूमने,
सिर पर उनके छाता है।
काला बादल पीछे-पीछे,
ओले भी बरसता है।।
भर गए गहरे गड्ढे नाले,
नदी तालाब गए उफन।।
गरज रहे हैं काले बादल, चल रही है तेज पवन-४

****************📚*****************

स्वरचित कविता 📝
✍️रचनाकार:
राजेश कुमार अर्जुन

3 Likes · 263 Views
Books from Rajesh Kumar Arjun
View all

You may also like these posts

कारगिल युद्ध के समय की कविता
कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अभी तो आये थे तुम
अभी तो आये थे तुम
प्रदीप कुमार गुप्ता
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- दुनिया बहुत खूबसूरत है -
- दुनिया बहुत खूबसूरत है -
bharat gehlot
*भाई और बहन का नाता, दुनिया में मधुर अनूठा है (राधेश्यामी छं
*भाई और बहन का नाता, दुनिया में मधुर अनूठा है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महका है आंगन
महका है आंगन
surenderpal vaidya
वरिष्ठ जन
वरिष्ठ जन
डॉ. शिव लहरी
তোমাকে ভালোবাসে
তোমাকে ভালোবাসে
Sakhawat Jisan
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी को ढूँढते हुए जो ज़िन्दगी कट गई,
Vedkanti bhaskar
अटल सत्य
अटल सत्य
Akshay patel
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
कुतूहल आणि जिज्ञासा
कुतूहल आणि जिज्ञासा
Shyam Sundar Subramanian
जय हनुमान
जय हनुमान
Neha
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
मोरनी जैसी चाल
मोरनी जैसी चाल
Dr. Vaishali Verma
बेवजह किसी पे मरता कौन है
बेवजह किसी पे मरता कौन है
Kumar lalit
जीवन उत्साह
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
sushil sarna
माँ कौशल्या के बिना
माँ कौशल्या के बिना
Sudhir srivastava
🙅जय हो🙅
🙅जय हो🙅
*प्रणय*
" माप "
Dr. Kishan tandon kranti
वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती
वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती
Karuna Goswami
एक पल
एक पल
Meera Thakur
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
कोई हुनर तो हो हम में, कोई जज्बा तो हो,
पूर्वार्थ
Loading...