पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
तुझे देंगे धरती मां बलिदान अपना
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
डाॅ. राधाकृष्णन को शत-शत नमन
*सर हरिसिंह गौर की जयंती के उपलक्ष्य में*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
युँ खुश हूँ मैं जिंदगी में अपनी ,
बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सरकार से हिसाब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नवरात्र में अम्बे मां
Anamika Tiwari 'annpurna '
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
चलो कहीं दूर जाएँ हम, यहाँ हमें जी नहीं लगता !