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12 Oct 2023 · 1 min read

टूटते रिश्ते, बनता हुआ लोकतंत्र

वाह री लोकतंत्र तेरा सर्व समाज का बाजारीकरण असरदार रहा।
जातियों के ठेकेदारों को नेता और उनके भवन को दरबार कहा।।

नेता जी भगवान बनते गए, सब समाजिक रिश्ता तार तार हो गया।
जन जन को उत्पाद बनाकर, ठेकेदार ,नेता अब सरकार हो गया।।

सोचना समाज को है कि उसको कैसा, क्यूं नया नया तंत्र चाहिए।
अपना तंत्र छोड़कर, चरित्रहीन, वीभत्स, घटिया लोकतंत्र चाहिए।।

जै हिंद

Language: Hindi
2 Likes · 87 Views

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