बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
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एक उम्र गंवाई है हमने भी मनमानी के लिए
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*माँ सरस्वती जी पर मुक्तक*
यूं आंखों ही आंखों में शरारत हो गई है,