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21 Sep 2023 · 1 min read

आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं

आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
किस्मत हमसे नही हम किस्मत से रूठे हैं
यकीं हैं हौसलों को सजदा करेगी किस्मत
थोड़ी थकान बेशक है अंदर से कहाँ टूटे हैं
©दुष्यंत ‘बाबा’

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