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12 Aug 2023 · 1 min read

#जिज्ञासा-

#जिज्ञासा-
■ मतलब क्या है इसका…?
【प्रणय प्रभात】
“खीर पकाई जतन से
चरख़ा दिया चलाय।
आया कुत्ता खा गया,
तू बैठी ढोल बजाय।।
ला पानी पिला…..।।”
दुम लगा यह दोहा बचपन में पढ़ा था, जिसका मतलब आज 55 की उम्र तक भी समझ से परे है। दोहे के चारों हिस्सों का तारतम्य भी कभी नहीं समझ आया। सवाल सामान्य अर्थ का नहीं, उस गूढ़ अर्थ का है जो इसे लिखने वाले के दिमाग़ में रहा होगा।।
क्या इसका मतलब “अंधा पीसे कुत्ता खाए” जैसी कहावत से मिलता-जुलता है? क्या इसी अटपटे दोहे के आधार पर “खाए गौरी का यार बलम तरसे” जैसे गीत का जन्म हुआ? जिस में सारा माल प्रेमी हड़प गया और बेचारे पति को पानी पी कर काम चलाना पड़ा। या फिर यह “अवसरवाद” से जुड़े कृत्यों पर कटाक्ष है?
आप में से किसी को पता हो तो मुझे भी बताएं। उदाहरण दे सकें तो और भी बढ़िया। जैसे कि हाल ही में घटित कोई दिलचस्प सा घटनाक्रम, जिसमें इस दोहे की भावना झलकी हो।
■प्रणय प्रभात■

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