सब जग में सिरमौर हमारा, तीर्थ अयोध्या धाम (गीत)
घोर घोर घनघोर घटा की, प्रेम कहानी।
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
दुनिया है चलने दो जीवन का करवा
क्योँ लब पे तुम्हारे जुम्बिश है पेशानी पे पसीना आया है ।
दिल का यह क़यास है शायद ।
Stop chasing people who are fine with losing you.
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
कोई बाहों में होकर भी दिल से बहुत दूर था,
sp 75 धीरे-धीरे समझ में आया
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"