Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

गांधी तेरी लाठी करती ये पुकार

गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
बन्द कीजिये मानवता पर अत्याचार
जाति-धर्म के झगड़े से हैं सब लाचार
ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार।

लूट-पाट,दंगो की दुकानें चल रहीं
बहू-बेटियों की अस्मिता लुट रहीं
मंदिर-मस्ज़िद भी फल-फूल रहीं
इन सबसे भरा हुआ है अख़बार।

मानवता से मानव अब तो भाग रहे
नैतिकता को अपने सारे त्याग रहे
गाँधी के वचन तो सबको याद रहे
इसे मनाते हैं जैसे हो कोई त्यौहार।

सत्य अहिँसा वाला तेरा रूप रहा
अंग्रेज़ो के ज़ुल्मो से तू नही डिगा
दीन-दुखी को तूने हरिजन नाम दिया।
तेरे उसी रूप क़ी है हमको दरकार।

गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार।

1 Like · 181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all

You may also like these posts

जब सत्य प्रकाशमय हो
जब सत्य प्रकाशमय हो
Kavita Chouhan
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
बुर्जुर्ग सुरक्षित कैसे हों।
manorath maharaj
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
हम वह लड़के हैं जनाब
हम वह लड़के हैं जनाब
पूर्वार्थ देव
शहर और गाँव
शहर और गाँव
Sakhi
उसको उसके घर उतारूंगा
उसको उसके घर उतारूंगा
डॉ. दीपक बवेजा
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
Ashwani Kumar
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
पूर्वार्थ
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
देश की आजादी की सुबह
देश की आजादी की सुबह
रुपेश कुमार
तुम्हे बेइंतहा चाहा है।
तुम्हे बेइंतहा चाहा है।
Rj Anand Prajapati
Just Like A Lonely Star.
Just Like A Lonely Star.
Manisha Manjari
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
अंकों की भाषा
अंकों की भाषा
Dr. Kishan tandon kranti
मातु शारदे
मातु शारदे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तुम बिन सूना मधुमास
तुम बिन सूना मधुमास
Sudhir srivastava
शरीर और आत्मा
शरीर और आत्मा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
पयार हुआ पराली
पयार हुआ पराली
Anil Kumar Mishra
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
भूलभूलैया
भूलभूलैया
Padmaja Raghav Science
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
अन्त हुआ सब आ गए, झूठे जग के मीत ।
sushil sarna
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Srishty Bansal
लोग हक़ीक़त पसंद नहीं करते ।
लोग हक़ीक़त पसंद नहीं करते ।
Dr fauzia Naseem shad
GOD BLESS EVERYONE
GOD BLESS EVERYONE
Baldev Chauhan
"" *अहसास तेरा* ""
सुनीलानंद महंत
..
..
*प्रणय*
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
Loading...