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14 May 2023 · 1 min read

वीरगति सैनिक

कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मन ने धोखे से हमारी खाली पड़ी चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया था जो कि रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण थीं. …. इस युद्ध में भारत के कई वीर सपूत वीरगति को प्राप्त हुए थे…. ये उसी दौरान रचित कविता है.

मैं कैसे मान लूँ, कि-
बसंत आ गया, जबकि
सीमा पर हमारे सिपाही,
पतझड़ के पत्तों की तरह गिर रहे हों ।

मैं कैसे मान लूँ, कि-
पावस आ गया, जबकि
शहीद की वेवा के आँसू,
रो-रोकर सूख गए हों ।

मैं कैसे मान लूँ, कि-
आज कोई उत्सव है, जबकि
शहीद की माँ का गला,
क्रंदन करते-करते रुंध गया हो ।

मैं कैसे मान लूँ, कि-
सावन है, जबकि
शहीद की बहन प्रतीक्षा करके थक गयी हो,
क्योंकि सावन में तो रक्षाबंधन है ।

मैं कैसे मान लूँ, कि-
आज वैशाखी है, जबकि
सीमा पर लड़ कर लौटे सिपाही की किस्मत में,
अब बन्दूक नहीं, बैसाखी है ।

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 1228 Views
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Books from दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
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