Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 4 min read

*”बसंत पंचमी”*

“बसंत पंचमी”
बसंत पंचमी का पवित्र पावन पर्व माँ सरस्वती देवी के अवतरण के रूप में मनाया जाता है ज्ञान बुद्धि विवेक की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती जी माघ मास की शुक्ल पक्ष की तिथि को ब्रम्हा जी के मुख से प्रगट हुई थी।बसंत पंचमी तिथि के दिन इनकी आराधना की जाती है।
माँ सरस्वती ज्ञान ,विज्ञान ,संगीत कला,शिल्प कला की देवी है जो तमस अंधकार को दूर कर जीवन में नव संचार उत्साह से भर देती है।बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा अर्चना आराधना करने से प्रसन्न होकर वरदान दे मनोकामना पूर्ण करती है।
पूजन – सुबह स्नान करने के पश्चात पीले वस्त्र धारण कर माँ सरस्वती देवी जी की मूर्ति रखकर उत्तर पूर्व दिशाओं में मुँह करके सफेद व पीले चंदन लगा पीले फूल अर्पित करें और मन में संकल्प लें ध्यान कर वंदना करें।
मंत्र – ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः
हो सके तो समयानुसार 108 बार इस मंत्र का जप करें। घी का दीपक जला पीले रंग का प्रसाद चढ़ाएं।
पतझड़ के बाद बसंत ऋतु का आगमन होता है बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी कहते हैं कि “मैं ऋतुओं में मैं ही बसंत हूँ”
ऐसी मान्यता है कि सृष्टि रचना के प्रारंभ में भगवान विष्णु जी की आज्ञा से ब्रम्हा जी ने मनुष्य की रचना की थी लेकिन अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे उन्हें लगता था कि कुछ कमी है जिसके कारण चारों ओर मौन स्तब्ध छाया रहता है।
ऐसा कहा गया है कि ज्ञान बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माघ शुक्ल पक्ष में बसंत पंचमी तिथि को ब्रम्हा जी के मुख से माँ सरस्वती जी प्रगट हुई थी।
ऐसी भी कहा गया है कि विष्णु जी की सलाह लेकर ब्रम्हा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का। पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कम्पन होने लगा और एक अदभुत शक्ति का प्रागट्य हुआ था।
चतुर्भुज सुंदर रूप वाली देवी जिनके एक हाथ में वीणा ,वर मुद्रा ,अन्य दो हाथों में पुस्तक ,मोतियों की माला धारण किये हुए थी।
ब्रम्हा जी ने देवी जी से वीणा बजाने का अनुरोध किया जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया पूरे संसार में एक ध्वनि तरंगों फैल गई संसार के सारे जीव जंतु भी वीणा के मधुर संगीत से मंत्रमुग्ध हो गए थे।
तब ब्रम्हा जी ने उस दिव्य शक्ति को वाणी की देवी वाग्देवी कहकर पुकारा था। सरस्वती देवी विद्या व बुद्धि भी प्रदान करती है।बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी इसलिए बसंत पंचमी के दिन जन्म उत्सव मनाया जाता है।
माँ सरस्वती जी की पूजा अर्चना कर बुद्धि का वरदान मांगा जाता है।
माँ सरस्वती बुद्धि विवेक ज्ञान की देवी मानी जाती है।यदि जीवन में कभी निराशा उदासीनता हो तो बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती जी का पूजन अवश्य करें।
माँ सरस्वती जी वरदान स्वरूप आशीर्वाद ज्ञान प्रदान करती है और जीवन में सही दिशा निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन करती है।
माँ सरस्वती जी के कई नाम है।
1.सरस्वती देवी
2.भारती देवी
3.शारदा देवी
4 .हँसवाहिनी देवी
5.जगती देवी
6.वागीश्वरी देवी
7.कुमुदी देवी
8.ब्रम्हचारी देवी
9.वरदायिनी देवी
10.चन्द्रकांति देवी
11.भुवनेश्वरी देवी
12.अधिष्ठात्री देवी
इन ग्यारह नामों का उच्चारण विशेषकर फलदायिनी होता है।अगर हो सके तो रोज ही इन नामों का उच्चारण अवश्य करना चाहिए।
बसंत पंचमी सरस्वती का अवतरण दिवस के रूप मनाया जाता है दैनिक कार्य कलापों ,व्यापार ,व्यावसायिक क्षेत्रों में, वाणी के व्यवहारों पर ही आधारित होता है जिसके कंठ पर विराजमान रहती है उनके वारे न्यारे हो जाते हैं जीवन सफलता की ओर अग्रसर हो जाते हैं।
सरस्वती देवी ज्ञान का प्रकाश पुंज है जो तमस अंधकार दूर कर उजियाला देती है।अपने उपासकों साधकों के लिए ज्ञानामृत की धारा प्रवाह करती है।
वाणी की अधीश्वरी देवी वेद ,शास्त्रों पुराणों में भी अनेक स्वरूपों में निहित है।
अपने जीवन में उन्नति ,प्रगति बुद्धि विकास के लिए माँ सरस्वती जी की आराधना बसंत पंचमी का दिन सर्वाधिक उचित महत्वपूर्ण माना जाता है।
विद्यार्थी अपनी लेखनी कलम दवात ,पुस्तकों की भी पूजन कर माँ सरस्वती जी से वरदान प्राप्त करते हैं। छोटे बच्चों को भी लिखना पढ़ना सिखाया जाता ह
सदैव माँ सरस्वती जी का ध्यान करने भक्ति में लीन रहता है उसके समीप दुःख क्लेश कभी नही आता है।
” माता सूरज कांति तव, अंधकार मम रूप।
डूबन ते रक्षा करहुँ, परूँ न मै भव कूप।
हे माँ आपकी कांति सूर्य के समान है और मेरा रूप अंधकार की भांति।
मुझे संसार रूपी कुएँ से कूप में डूबने से बचा लीजिये।
*बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,
सुनहु सरस्वती मातु।
अधम राम सागरहि तुंम आश्रय देऊ पुनातु।।
हे माँ ! मुझे बल बुद्धि और विद्या देकर रामसागर जैसे इस मनुष्य शरीर को आप ही आश्रय दे सकती हैं और हमारी रक्षा कर सकती हैं।
हे माँ ! सरस्वती देवी हमे सद्बुदि प्रदान कर हमारी सदैव रक्षा करें।
*ॐ एं नमः *

शशिकला व्यास शिल्पी ✍️

212 Views

You may also like these posts

गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नींद आती है सोने दो
नींद आती है सोने दो
Kavita Chouhan
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
जन्मदिन की हार्दिक बधाई (अर्जुन सिंह)
जन्मदिन की हार्दिक बधाई (अर्जुन सिंह)
Harminder Kaur
खरीददार बहुत मिलेंगे
खरीददार बहुत मिलेंगे
Shekhar Deshmukh
नशा छोडो
नशा छोडो
Rajesh Kumar Kaurav
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
जब दिल से दिल ही मिला नहीं,
manjula chauhan
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
मुस्कुराए खिल रहे हैं फूल जब।
surenderpal vaidya
दम तोड़ते अहसास।
दम तोड़ते अहसास।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
IPL के दौरान हार्दिक पांड्या को बुरा भला कहने वाले आज HERO ब
पूर्वार्थ
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
3970.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मैंने उसे जुदा कर दिया
मैंने उसे जुदा कर दिया
Jyoti Roshni
तेतर
तेतर
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
শিব ও কালীর গান
শিব ও কালীর গান
Arghyadeep Chakraborty
तुझ से मोहब्बत से जरा पहले
तुझ से मोहब्बत से जरा पहले
इशरत हिदायत ख़ान
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
*खुद ही लकीरें खींच कर, खुद ही मिटाना चाहिए (हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
जाने कब पहुंचे तरक्की अब हमारे गांव में
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जिन्दगी नाम हैं
जिन्दगी नाम हैं
ललकार भारद्वाज
जीवन, सत्य, व्यथा
जीवन, सत्य, व्यथा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जीवन की भूल
जीवन की भूल
Sudhir srivastava
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
#दुःखद_दिन-
#दुःखद_दिन-
*प्रणय*
इंतज़ार
इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
कोई मेरे दिल में उतर के तो देखे...
singh kunwar sarvendra vikram
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
ज़िंदगी में बेहतर नज़र आने का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...