हम तब तक किसी की प्रॉब्लम नहीं बनते..
"सबकी नज़रों में एकदम कंगाल हूँ मैं ll
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं लिखता हूँ कुछ सीखता हूँ,
शीर्षक - कठपुतली सा मेरा जीवन
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
*सवर्ण (उच्च जाति)और शुद्र नीच (जाति)*
लड़की की जिंदगी/ कन्या भूर्ण हत्या
*धरती पर सब हों सुखी, सारे जन धनवान (कुंडलिया)*
बहके जो कोई तो संभाल लेना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझसे आ कर कोई मिलता क्यों नहीं।