Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2023 · 1 min read

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

खड़ा दहलीज पर दुश्मन दूर उसको भगाना है,
सुप्त होती हुई लौ को आज फिर से जलाना है।

नई आशा जगाना है नया विश्वास पाना है,
अडिग दृढ़-शक्ति से यारो इसे जड़ से मिटाना है।

डूबत जा रही साँसे दिलों में चुभ रही फाँसे,
ज़र्ब मरहम लगाने को कदम हमको बढ़ाना है।

कोहरा जा रहा बढ़ता नही पर पस्त होना है,
हौसलों से मिले मंजिल राह सबको दिखाना है।

अभी भी है बचे थोड़े मौत जिनको गवारा है,
अंधेरी घुप्प गलियों से हमें उनको बचाना है।

जश्न की शाम जो देखी तअज्जुब क्यों हुआ सबको,
बने फ़िरदौस फिर भारत रूप इसका सजाना है।

द्वारा:- 🖋️🖋️लक्ष्मीकान्त शर्मा
( स्व-रचित / मौलिक )
देवली, विराटनगर, जयपुर, राज०303102

1 Like · 259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हकीकत से रूबरू हो चुके हैं, अब कोई ख़्वाब सजाना नहीं है।
हकीकत से रूबरू हो चुके हैं, अब कोई ख़्वाब सजाना नहीं है।
अनिल "आदर्श"
शीर्षक:मेरा प्रेम
शीर्षक:मेरा प्रेम
Dr Manju Saini
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
बोगनविलिया
बोगनविलिया
Meenakshi Bhatnagar
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
पूर्वार्थ
मईया एक सहारा
मईया एक सहारा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सपने में भी डर जाते हैं, उठ जाते हैं, चौंक रहे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
साया हट गया है, फिर नया बरगद तलाशिये...
sushil yadav
"व्यवहार"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रियजन
प्रियजन
Dr MusafiR BaithA
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
Piyush Goel
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
4090.💐 *पूर्णिका* 💐
4090.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक -काली घटा घनघोर!
शीर्षक -काली घटा घनघोर!
Sushma Singh
हे मन
हे मन
goutam shaw
অপরাজেয়
অপরাজেয়
fyisahmed81
दया
दया
Rambali Mishra
सच में ज़माना बदल गया है
सच में ज़माना बदल गया है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*दूसरा मौका*
*दूसरा मौका*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
Chaahat
राम आधार हैं
राम आधार हैं
Mamta Rani
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
నేటి ప్రపంచం
నేటి ప్రపంచం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
साथ
साथ
Ragini Kumari
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
आज़ादी का जश्न
आज़ादी का जश्न
अरशद रसूल बदायूंनी
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
Loading...