Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Mar 2023 · 1 min read

"रंग भरी शाम"

“रंग भरी शाम”
आओ नच लें सुरताल मिलाके
रंगों से प्रीत बढ़ाएँ,
क्या भरोसा काँच का घट ये
किसी दिन टूट जाए।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

Loading...