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28 Feb 2023 · 1 min read

जो मिश्री घोलकर हर आदमी से बात करता है...

जो मिश्री घोलकर हर आदमी से बात करता है
जरूरी है नहीं बस प्यार की बरसात करता है

उतर आते हैं पंछी भूख में कुछ देखकर दाने
कहाँ वे हैं समझ पाते कि कोई घात करता है

देहाती हमको कह लो पर सुनो ऐ आदमी शहरी
तुझे भी पालने का काम यह देहात करता है

यहाँ लगती सदा है दोस्तों मुस्कान की कीमत
ग़मों को इस जहाँ में कब कोई आयात करता है

भला वह भी नहीं ‘आकाश’ दुनिया की निगाहों में
शिकायत दूसरों की जो यहाँ दिन-रात करता है

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 27/02/2023

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