Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2023 · 1 min read

*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक

वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिका)
________________________
1
वेद उपनिषद रामायण, गीता में काव्य समाया है
सदा-सदा से ऋषि-युगदृष्टा, सच्चा कवि कहलाया है
2
घर और गृहस्थी भले पैर की बेड़ी-सी लगती हो
कदम बहकने से पहले, इस ने ही हमें बचाया है
3
बेटे-बहुओं को भी निर्णय में कुछ भागीदारी दो
पुश्तैनी घर में सब ने, अधिकार बराबर पाया है
4
कल से हफ्ते में दो दिन ही, रोटी पर घी चुपड़ेगा
महॅंगाई ने भोजन का, यह मीनू नया बनाया है
5
जाने कितनी ही यादें हैं, बचपन वाली होली की
फूल भिगोते थे टेसू के, अभी ख्याल यह आया है
6
सोचो किस-किस से तुमने बरसों से बात नहीं की है
रिश्तों का प्रतिवर्ष नवीनीकरण नहीं करवाया है
7
अच्छी-खासी भली गृहस्थी को ही आग लगा डाली
आलीशान घरों को, मदिरा ने इस तरह ढहाया है
8
कहते हो राणा प्रताप का वंशज तो यह ध्यान रहे
भले घास की रोटी खाई, खुद को नहीं गिराया है
9
हमें पता है कोठी कैसे, बन जाती है दो दिन में
हमें पता है किसने कब-कब, किस से क्या-क्या खाया है
10
देर नहीं लगती है क्षणभर, सब डिलीट हो जाने में
मोबाइल में जो कुछ है, सब मोबाइल की माया है
________________________
डिलीट = मिट जाना
————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

541 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"करिए ऐसे वार"
Dr. Kishan tandon kranti
सोचा था एक घर होगा, घर में खुशियाँ अपार होंगी।
सोचा था एक घर होगा, घर में खुशियाँ अपार होंगी।
श्याम सांवरा
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
Ravi Prakash
बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय
बिल्ली पर कविता -विजय कुमार पाण्डेय
Vijay kumar Pandey
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
दीदार ए चांद
दीदार ए चांद
Akash RC Sharma
कुल्लू -मनाली (कविता) 28)
कुल्लू -मनाली (कविता) 28)
Mangu singh
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
ज़िंदगी के ज़ायके में कितनी कड़वाहट भरी
jyoti jwala
हंसना रास न आया
हंसना रास न आया
Ashok deep
बात करने का दिल करता है
बात करने का दिल करता है
Vansh Agarwal
जहां में
जहां में
SHAMA PARVEEN
यही तो जिंदगी का सच है
यही तो जिंदगी का सच है
gurudeenverma198
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
"हृदय " की एक राखी आपके नाम
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
शायद तेरे मेरे प्यार को
शायद तेरे मेरे प्यार को
अश्विनी (विप्र)
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
गुरु और शिष्य का रिस्ता
गुरु और शिष्य का रिस्ता
Diwakar Mahto
समय का‌ पहिया
समय का‌ पहिया
राकेश पाठक कठारा
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
कई बार अंधकार इतना गहरा होता है कि खुद जुगनू बनना तो दूर कही
SATPAL CHAUHAN
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
मनोज कर्ण
बहुत कठिन है पिता होना
बहुत कठिन है पिता होना
Mohan Pandey
पहले माता पिता को लगता था, की बेटियों के लिए लड़का सही मिल ज
पहले माता पिता को लगता था, की बेटियों के लिए लड़का सही मिल ज
पूर्वार्थ
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
4047.💐 *पूर्णिका* 💐
4047.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सवैया
सवैया
Rambali Mishra
*खो दिया है यार को प्यार में*
*खो दिया है यार को प्यार में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...