Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग

समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)
➖➖➖➖➖➖➖➖
1
समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं
अगले ही क्षण दृश्य बदलता, फिर कूड़ा कहलाती हैं
2
कभी सुशोभित थे पेड़ों पर, ताजे-मोटे पत्ते जो
उन्हें गाड़ियॉं कूड़े की, पतझड़ में भर ले जाती हैं
3
दो दिन के जीवन को आओ, क्षमता में भर कर जी लें
सॉंसों की गतियॉं फिर धीमा, सब का हाल बताती हैं
4
जाने कैसे शहद चूस लेती हैं यह पंखुड़ियों का
एक करिश्मा है छत्ता, मधु का मक्खियॉं बनाती हैं
5
पर्वत से नदियों का चलकर, सागर में फिर मिल जाना
एक अनवरत जीवन-क्रम है, नदियॉं यह बतलाती हैं
_______________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

158 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

शलभ से
शलभ से
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
..
..
*प्रणय*
गवर्नर संस्था
गवर्नर संस्था
Dr MusafiR BaithA
4897.*पूर्णिका*
4897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संघर्ष पथ का मैं दीपक
संघर्ष पथ का मैं दीपक
पं अंजू पांडेय अश्रु
चिंगारी
चिंगारी
Jai Prakash Srivastav
टूटता दिल
टूटता दिल
Ruchika Rai
थोड़ा अदब भी जरूरी है
थोड़ा अदब भी जरूरी है
Shashank Mishra
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
साहित्य चेतना मंच की मुहीम घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि
Dr. Narendra Valmiki
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
प्रेम हो जाए जिससे है भाता वही।
सत्य कुमार प्रेमी
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुश हो लेता है उतना एक ग़रीब भी,
खुश हो लेता है उतना एक ग़रीब भी,
Ajit Kumar "Karn"
*यह भगत सिंह का साहस था, बहरे कानों को सुनवाया (राधेश्यामी छ
*यह भगत सिंह का साहस था, बहरे कानों को सुनवाया (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
इंसान
इंसान
Sanjay ' शून्य'
Orphan's Feelings
Orphan's Feelings
Shyam Sundar Subramanian
असल सूँ साबको
असल सूँ साबको
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम
तुम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*मेरी कविता की कहानी*
*मेरी कविता की कहानी*
Krishna Manshi
जिंदगी एक खेल है , इसे खेलना जरूरी।
जिंदगी एक खेल है , इसे खेलना जरूरी।
Kuldeep mishra (KD)
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
प्रतियोगी छात्रों का दर्द
अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
Kanchan Alok Malu
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
"अल्फाज दिल के "
Yogendra Chaturwedi
स्त्री
स्त्री
Dinesh Kumar Gangwar
सही कहा है
सही कहा है
पूर्वार्थ
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Loading...