Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 1 min read

■ दूसरा पहलू…

■ दूसरा पहलू…
हर साल एक दिन संस्कृति की रक्षा के नाम पर चौधराहट दिखाने वाले महा-पराक्रमी थोड़ा सा ध्यान अपने घर पर भी दे लें। संस्कृति स्वतः सुरक्षित हो जाएगी। औरों की भट्टी में अंगारों की तलाश क्यों? घर में ज्वालामुखियों के पलते और पनपते।।
【प्रणय प्रभात】

1 Like · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
कोई भी
कोई भी
Dr fauzia Naseem shad
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
Abhishek Soni
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
मैं इस दुनिया का सबसे बुरा और मुर्ख आदमी हूँ
Jitendra kumar
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
एक बात!
एक बात!
Pradeep Shoree
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
" गाड़ी चल पड़ी उसी रफ्तार से "
DrLakshman Jha Parimal
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
शिक्षा और अबूजा
शिक्षा और अबूजा
Shashi Mahajan
जीवन में बुरे कर्मों से बचाने वाला ही
जीवन में बुरे कर्मों से बचाने वाला ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ढूंढ रहा हूं घट घट उसको
ढूंढ रहा हूं घट घट उसको
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस
Indu Singh
गुरु
गुरु
सोनू हंस
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
RAMESH SHARMA
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
Bidyadhar Mantry
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
VINOD CHAUHAN
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
ये सोच कर ही पुरुषों ने पूरी उम्र गुजार दी
ये सोच कर ही पुरुषों ने पूरी उम्र गुजार दी
पूर्वार्थ
मेरा कल! कैसा है रे तू
मेरा कल! कैसा है रे तू
Arun Prasad
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
Shweta Soni
शीर्षक - सोच और उम्र
शीर्षक - सोच और उम्र
Neeraj Kumar Agarwal
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
*प्रणय*
*फ़र्ज*
*फ़र्ज*
Harminder Kaur
"इंसानियत के दुश्मन"
Dr. Kishan tandon kranti
जल्दी चले आना
जल्दी चले आना
Sudhir srivastava
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
Rakshita Bora
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
कवि रमेशराज
Loading...