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17 Feb 2025 · 1 min read

" प्रेम -संवाद "

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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जो कहना है मुझे तुमको ,
उसे तुम आज कह डालो !
नहीं दिल में छुपाओ तुम ,
जुबां पर उसको तुम लाओ !!

बहुत सी बात है कहनी ,
शिकायत आप से ही है !
सदा ही दूर रहते हैं ,
गिला सिर्फ़ आप से है !!

मैं जाता हूँ जो तुमसे दूर ,
मुझे अच्छा नहीं लगता !
करूँ तो क्या करूँ प्रियतम ,
मुझे कुछ भी नहीं भाता !

चले जाते कई सावन ,
आँसूओं की धार वहती है !
दिनों के पल गुजरते हैं ,
रात में याद आती है !!

मैं अपनी दिल की बातों से,
तुम्हें अनुमान करता हूँ !
मेरा जो हाल है तुम बिन ,
उसे मैं सब समझता हूँ !!

रहूँगी आप के ही साथ ,
अधूरा अब नहीं रहना !
कसम हमने जो खायी थी ,
जुदा फिर ना कभी होना !!

जो कहना है मुझे तुमको ,
उसे तुम आज कह डालो !
नहीं दिल में छुपाओ तुम ,
जुबां पर उसको तुम लाओ !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,झारखंड
भारत
17.02.2025

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