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22 Apr 2022 · 1 min read

दिल टूट करके।

दिल टूट करके इश्क की यादों में रह गया है।
हमारें जिस्मों जां का मालिक हमसे रूठ गया है।।1।।

अब तन्हाई में बैठ कर हम उससे मिलते है।
जिसका दर्द अश्क बन कर नज़रों से बह गया है।।2।।

हम समझ रहें थे उसको हम भूला बैठे है।
याद आई तो समझे इश्के निशां हममें रह गया है।।3।।

कोई कैसे समझाएं इस मासूम से दिलको।
वो नज़र आया तो धड़क कर ख़ुद में रह गया है।।4।।

बड़ा अकीदा था उन पर कुछ मदद करेगा।
आकर चंद अल्फाज़ कहकर जो यूं चल दिया है।।5।।

यूं शम्मा सारी रात जलती रही तन्हाई में।
परवाना ही जल करके इश्क में अपने मर गया है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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