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13 Feb 2023 · 1 min read

"किताब और कलम"

“किताब और कलम”
मैं किताब और कलम
छोड़े जा रहा हूँ
कि कोई आकर
अपने दिल के जज़्बात लिखे,
उसे देखकर, पढ़कर
जमाना सोंचे कुछ सीखे।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

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