होली तो मनभावन त्यौहार है..
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
कुछ हम लड़के भी है जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
हम जीत जाएँगे-तप्तेश कुमार मेवाल
अच्छा नहीं कर सकते तो------------------- ?
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
मेरी मैया स्नेह भूलूं कैसे,हर घड़ी हर पल प्रेम की मुझ पर बरस
यौम ए पैदाइश पर लिखे अशआर
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है