sp49 पूछ रहा है सारा जमाना
sp49 पूछ रहा है सारा जमाना
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पूछ रहा है सारा जमाना ऐसी भी क्या जल्दी है
बदल गया पूरा अफसाना ऐसी भी क्या जल्दी है
,
जिन रिश्तों पर ताज बने थे गिर उन पर भी गाज गई
मगर मिला है खूब बहाना ऐसी भी क्या जल्दी है
,
यह मेरा है यह मेरा है सुन सुन कर के कान पके
साथ गया न कोई सयाना ऐसी भी क्या जल्दी है
,
अक्सर धोखे खाने वाले जीत गए बाजी कैसे
यह भी था अंदाज पुराना ऐसी भी क्या जल्दी है
,
प्रतिभा लेखन कविता दर्शन बेमानी बातें सारी
हाथ नहीं कोई आयोजन ऐसी भी क्या जल्दी है
चाटुकारिता का युग है यह सब चमचों की है पौबारा
हम इसका कर रहे समर्थन ऐसी भी क्या जल्दी है
छह दशक बीते तो क्या है लेखन चमचों का भारी
मुश्किल लगता है परिवर्तन ऐसी भी क्या जल्दी है
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
यह भी गायब वह भी गायब