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9 Feb 2023 · 1 min read

दुःख

दुःख
मेरे पास तो तेरा पता है
तू अक्सर ही मिलता है
सरल है, सहज है
चन्द कदमों में महज है
नमक की तरह घुला हुआ
हर साँस में मिला हुआ
कभी सुबह भूल गए तो
फिर सांझ में मिला हुआ।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

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