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8 Feb 2023 · 1 min read

तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।

तोड़ न कोई राम का, निर्विकल्प हैं राम।
राम सरिस बस राम हैं, और न कोई नाम।।

जप ले मनके नाम के, मेटें मन के ताप।
राम नाम के जाप से, धुल जाते सब पाप ।।
©® सीमा अग्रवाल

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